ड्रैगन फ्रूट की खेती || Dragon fruit ki kheti

🌵 ड्रैगन फ्रूट की खेती: कम पानी में ज़्यादा मुनाफा देने वाली वैज्ञानिक पद्धति


✅ ड्रैगन फ्रूट क्या है?

ड्रैगन फ्रूट को हिंदी में कमलम भी कहते हैं। यह एक कैक्टस प्रजाति का फल है, जो कम पानी में भी पनप सकता है। यह फल मुख्यतः वियतनाम, थाईलैंड, मलेशिया और अब भारत में भी बड़े पैमाने पर उगाया जा रहा है।


✅ भारत में इसकी खेती क्यों करें?

  • कम लागत और कम पानी में उत्पादन
  • प्रति एकड़ ₹4 से ₹6 लाख तक की आमदनी
  • 1 बार लगाकर 20 साल तक फल देता है
  • विदेशी बाजार में भारी मांग

🌦️ अनुकूल जलवायु और मिट्टी

जलवायु:

  • अर्ध-शुष्क और शुष्क जलवायु उपयुक्त
  • तापमान 20°C से 35°C के बीच
  • तेज़ धूप और गर्मी सहन कर सकता है, लेकिन ओलावृष्टि से बचाएं

मिट्टी:

  • रेतीली-दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त
  • pH स्तर: 6 से 7
  • जल निकासी अच्छी होनी चाहिए

🧬 प्रमुख किस्में (Varieties)

किस्मगूदाछिलकाविशेषता
हाइलोसेरस पोलिरिज़सलाललालविदेशी मांग में
हाइलोसेरस अनडैटससफेदगुलाबीअधिक उत्पादन
हाइलोसेरस मेगालैंथससफेदपीलामीठा व टेबल यूज़ के लिए

🌱 रोपण की विधि

सर्वोत्तम समय:

  • जून से अगस्त (मानसून के शुरुआती महीने)

तैयारी:

  • कटिंग से पौधे तैयार करें
  • एक पौधा 30–35 सेमी लंबा होना चाहिए

फासला:

  • पौधे से पौधे: 2 मीटर
  • कतार से कतार: 3 मीटर
  • एक एकड़ में लगभग 1700–1800 पौधे लगते हैं

सपोर्ट सिस्टम:

  • हर पौधे के पास सीमेंट का खंभा (2 मीटर ऊँचा) लगाएं
  • ऊपर टायर/रिंग लगाकर बेलों को चढ़ाएं (Y-ट्रेली सिस्टम)

💧 सिंचाई प्रबंधन

  • पहले 3 महीने: हर 7 दिन में हल्की सिंचाई
  • उसके बाद: 10–15 दिन में एक बार
  • ड्रिप सिंचाई सबसे बेहतर तरीका है
  • बरसात में पानी जमा ना होने दें

🌿 खाद और उर्वरक प्रबंधन (प्रति पौधा)

खाद / उर्वरकमात्रासमय
गोबर की खाद10–15 किग्रारोपण से पहले
नाइट्रोजन (N)50 ग्राम3 माह के अंतराल पर
फॉस्फोरस (P)40 ग्राम6 माह में
पोटाश (K)50 ग्रामफल बनते समय

जैविक खाद:

  • वर्मी कम्पोस्ट 5 किलो प्रति पौधा
  • नीम खली 250 ग्राम

🐛 रोग और कीट नियंत्रण

ड्रैगन फ्रूट पर कम कीट लगते हैं, लेकिन कुछ सामान्य समस्याएं:

🔹 रोग

  1. स्टेम रोट (तना सड़न):
    • कारण: अधिक नमी
    • नियंत्रण: Trichoderma viride 5 ग्राम प्रति किलो खाद में मिलाएं
  2. एन्थ्राक्नोज (धब्बा रोग):
    • नियंत्रण: Copper oxychloride (2.5 ग्राम/लीटर पानी)

🔹 कीट

  1. मीली बग्स / थ्रिप्स:
    • नियंत्रण: Neem oil 1500 ppm (5 मिली/लीटर)
    • या Imidacloprid 17.8% SL (0.3 मिली/लीटर पानी)

✂️ कटाई और तुड़ाई

  • रोपण के 8–10 महीने बाद फल आना शुरू
  • पौधा 3 साल बाद पूरी क्षमता पर आता है
  • एक पौधा साल में 4–6 बार फल दे सकता है
  • तुड़ाई फल के छिलके के रंग के आधार पर करें (गुलाबी हो जाए तब)

📦 भंडारण और विपणन

  • 5°C–8°C तापमान पर 2 हफ्ते तक फल ताज़ा रहता है
  • सीधे सुपरमार्केट, मंडी या प्रोसेसिंग यूनिट को बेचें
  • APEDA और NAFED से संपर्क करें अगर निर्यात करना चाहें

💰 प्रति एकड़ संभावित मुनाफा

वर्षउत्पादन (टन)अनुमानित आय
पहले वर्ष4–5 टन₹1.5–2 लाख
दूसरे से8–10 टन₹4–6 लाख
तीसरे से12–15 टन₹6–9 लाख

✅ निष्कर्ष

ड्रैगन फ्रूट की खेती कम पानी, कम देखरेख और ज़्यादा मुनाफे वाली फसल है। यदि आप किसान हैं और नयी आय के स्रोत की तलाश में हैं, तो यह फल लंबी अवधि का सबसे लाभकारी विकल्प साबित हो सकता है।