पपीता की खेती || Papita ki kheti

🍈 पपीता की वैज्ञानिक खेती: कम लागत, अधिक लाभ


✅ पपीता क्या है?

पपीता (Carica papaya) एक तेजी से बढ़ने वाला, बहुवर्षीय फलदार पौधा है जिसे वर्षभर उगाया जा सकता है। यह फल न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। इसकी खेती भारत के लगभग सभी राज्यों में की जा सकती है।


🌦️ जलवायु और मिट्टी

जलवायु:

  • पपीते की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय व उपोष्णकटिबंधीय जलवायु सबसे उपयुक्त है।
  • आदर्श तापमान: 22°C से 35°C
  • ठंड और पाला इसे नुकसान पहुंचा सकता है।

मिट्टी:

  • रेतीली-दोमट या हल्की दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त
  • pH स्तर: 6.0 से 7.5
  • जल निकासी अच्छी होनी चाहिए।

🌱 प्रमुख किस्में

किस्मविशेषता
पूसा ड्वार्फकम ऊँचाई, अधिक फलदायक
पूसा डिलिशियसस्वाद में बेहतरीन
रेड लेडी 786विदेशी किस्म, अत्यधिक उत्पादनशील
सूर्यावाणिज्यिक खेती हेतु उपयुक्त
कोइमबटूर 1दक्षिण भारत में लोकप्रिय

📆 बुवाई का समय

  • फरवरी-मार्च (ग्रीष्म ऋतु फसल के लिए)
  • जून-जुलाई (मानसून फसल के लिए)
  • सितंबर-अक्टूबर (शीतकालीन फसल के लिए)

🌱 पौध तैयार करना

  1. बीज का चयन:
    • अच्छे स्रोत से स्वस्थ बीज लें।
  2. नर्सरी में बीज बुवाई:
    • बीज को 1:1:1 मिट्टी, बालू और गोबर की खाद में बोयें।
    • अंकुरण 15–20 दिन में हो जाता है।
  3. रोपाई:
    • 30–45 दिन के पौधे खेत में लगाएं।

🔁 रोपण विधि और दूरी

  • कतार से कतार: 2 मीटर
  • पौधे से पौधा: 2 मीटर
  • प्रति एकड़ लगभग 1100–1200 पौधे

💧 सिंचाई व्यवस्था

समयसिंचाई अंतराल
शुरुआती 1 महीनाहर 4–5 दिन में
बाद के महीने7–10 दिन में एक बार
गर्मी मेंहर 4–5 दिन में
बरसात मेंजल जमाव से बचाव जरूरी

ड्रिप सिंचाई प्रणाली सबसे उपयुक्त है।


🌿 उर्वरक प्रबंधन (प्रति पौधा / वर्ष)

खाद/उर्वरकमात्रासमय
गोबर की खाद10–15 किग्रारोपण से पहले
नाइट्रोजन (N)200 ग्राम4 बार में बाँटकर
फॉस्फोरस (P)150 ग्राम2 बार में
पोटाश (K)150 ग्रामफल बनने से पहले

जैविक विकल्प:

  • वर्मी कम्पोस्ट – 5 किग्रा
  • नीम खली – 250 ग्राम

🐛 रोग और कीट नियंत्रण

🔹 रोग

  1. पत्ती मुरझाना (Virus):
    • नियंत्रण: रोगी पौधे नष्ट करें
    • कीट नियंत्रण करें जो वायरस फैलाते हैं (जैसे एफिड)
  2. एन्थ्राक्नोज (फल गलन):
    • Carbendazim 0.1% छिड़काव करें
  3. डेम्पिंग ऑफ (अंकुर मर जाना):
    • Trichoderma viride 5 ग्राम प्रति किलो नर्सरी मिट्टी में मिलाएं

🔹 कीट

  1. एफिड, थ्रिप्स और माइट्स:
    • Neem oil 1500 ppm @ 5 मिली/लीटर पानी में छिड़कें
    • ज़रूरत पर Imidacloprid 17.8% SL @ 0.3 मिली/लीटर

✂️ कटाई और उत्पादन

  • रोपण के 9–11 महीने बाद फल तुड़ाई शुरू होती है
  • एक पौधे से 30–60 फल प्रति वर्ष निकलते हैं
  • तुड़ाई फल का रंग बदलने पर करें (हरा से पीला होते समय)

💰 उत्पादन और आमदनी

वर्षउत्पादन (टन प्रति एकड़)अनुमानित आमदनी
पहले साल30–35 टन₹2.5–3 लाख
दूसरे साल40–50 टन₹4–5 लाख

नोट: यह आय किस्म, देखभाल और बाजार के अनुसार बदल सकती है।


📦 विपणन और लाभ

  • ताजे फल स्थानीय बाजारों में बेचे जा सकते हैं
  • पपीते से पेपेन नामक एंजाइम निकलता है, जिसे दवा व कॉस्मेटिक कंपनियाँ खरीदती हैं
  • ड्राई पपीता, जूस, पल्प के रूप में प्रोसेसिंग का अवसर भी मौजूद है

✅ निष्कर्ष

पपीता एक कम लागत में अधिक लाभ देने वाली फसल है, जो कम समय में फल देती है। यदि आप एक छोटे किसान हैं, तो यह आपकी आय को दोगुना करने की दिशा में एक शानदार विकल्प हो सकता है।